Updated Rahat Indori Shayari In Hindi | राहत इंदौरी शायरी हिंदी में

ऐसी सर्दी है कि सूरज भी दुहाई मांगे
जो हो परदेस में वो किससे रजाई मांगे 
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गाज़ाब का प्यार था उस की उदास आँखों में,
गुमान तक ना हुवा की वो बिछड़ने वाली है !
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सूरज, सितारे, चाँद मेरे साथ में रहें,
जब तक तुम्हारे हाथ मेरे हाथ में रहें,
शाखों से टूट जाए वो पत्ते नहीं हैं हम,
आंधी से कोई कह दे की औकात में रहें !
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बहुत गुरूर है दरिया को अपने होने पर
जो मेरी प्यास से उलझे तो धज्जियाँ उड़ जाएँ !
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rahat indori shayari english

राह के पत्थर से बढ़ कर कुछ नहीं हैं मंज़िलें
रास्ते आवाज देते हैं सफर जारी रखो !
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Use Ab Ke Wafaon Se Gujar Jaane Ki Jaldi Thi,
Magar Iss Baar Mujhko Apne Ghar Jaane Ki Jaldi Thi,
Main Aakhir Kaun Sa Mausam Tumhare Naam Kar Deta,
Yehan Har Ek Mausam Ko Gujar Jaane Ki Jaldi Thi.

उसे अब के वफ़ाओं से गुजर जाने की जल्दी थी,
मगर इस बार मुझ को अपने घर जाने की जल्दी थी,
मैं आखिर कौन सा मौसम तुम्हारे नाम कर देता,
यहाँ हर एक मौसम को गुजर जाने की जल्दी थी।
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rahat indori shayari in hindi love

Ajnabi Khwahishein Seene Mein Daba Bhi Na Sakun,
Aise Ziddi Hain Parinde Ke Uda Bhi Na Sakun,
Foonk Dalunga Kisi Roj Main Dil Ki Duniya,
Yeh Tera Khat To Nahi Ke Jala Bhi Na Sakun.

अजनबी ख़्वाहिशें सीने में दबा भी न सकूँ,
ऐसे ज़िद्दी हैं परिंदे कि उड़ा भी न सकूँ,
फूँक डालूँगा किसी रोज़ मैं दिल की दुनिया,
ये तेरा ख़त तो नहीं है कि जला भी न सकूँ।
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Safar ki had hain waha tak ki kuch nishaan rahe
Chale chalon ki jaha tak ye aasaman rahe
Ye kya uthaaye kadam aur aa gayi manjil
Maza to tab hain ke paeron mein kuch thakaan rahe

सफ़र की हद है वहां तक की कुछ निशान रहे
चले चलो की जहाँ तक ये आसमान रहे
ये क्या उठाये कदम और आ गयी मंजिल
मज़ा तो तब है के पैरों में कुछ थकान रहे
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राहत इंदौरी शायरी हिंदी 2 लाइन

Roj Taaron Ki Numaaish Mein Khalal Padta Hai,
Chand Pagal Hai Andhere Mein Nikal Padta Hai,
Roj Patthar Ki Himayat Mein Ghazal Likhte Hain,
Roj Sheeshon Se Koi Kaam Nikal Padta Hai.

रोज़ तारों को नुमाइश में ख़लल पड़ता है,
चाँद पागल है अँधेरे में निकल पड़ता है,
रोज़ पत्थर की हिमायत में ग़ज़ल लिखते हैं,
रोज़ शीशों से कोई काम निकल पड़ता है।
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तुम्हें किसी की कहाँ है परवाह,
तुम्हारे वादे का क्या भरोसा,
जो पल की कह दो तो कल बना दो,
जो कल की कह दो तो साल कर दो.

Jaa ke koi kah de, sholon se chingaari se
Phool is bar khile hain badi taeyari se
Baadshaahon se bhi feke hue sikke na liye
Humne khaeraat bhi maangi hain to khuddari se
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rahat indori shayari lagegi aag

जा के कोई कह दे, शोलों से चिंगारी से
फूल इस बार खिले हैं बड़ी तैयारी से
बादशाहों से भी फेके हुए सिक्के ना लिए
हमने खैरात भी मांगी है तो खुद्दारी से
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दोस्ती जब किसी से की जाए,
दुश्मनों की भी राय ली जाए।

dosti jab kisi se ki jaye, 
dushmanon ki bhi raay lee jaye.
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इश्क ने गूथें थे जो गजरे नुकीले हो गए,
तेरे हाथों में तो ये कंगन भी ढीले हो गए,
फूल बेचारे अकेले रह गए है शाख पर,
गाँव की सब तितलियों के हाथ पीले हो गए.
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Rahat Indori Love Shayari 2 line

अब हम मकान में ताला लगाने वाले हैं,,
पता चला हैं की मेहमान आने वाले हैं।

ab ham makaan mein taala lagaane vaale hain,, 
pata chala hain ki mehamaan aane vaale hain.
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अजीब लोग हैं मेरी तलाश में मुझको,
वहाँ पर ढूंढ रहे हैं जहाँ नहीं हूँ मैं,
मैं आईनों से तो मायूस लौट आया था,
मगर किसी ने बताया बहुत हसीं हूँ मैं.
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मुझसे पहले वो किसी और की थी,
मगर कुछ शायराना चाहिये था,
चलो माना ये छोटी बात है,
पर तुम्हें सब कुछ बताना चाहिये था।

mujhase pahale vo kisi aur ki thi, 
magar kuchh shaayaraana chaahiye tha, 
chalo maana ye chhoti baat hai, 
par tumhen sab kuchh bataana chaahiye tha.
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राहत इंदौरी मुशायरा

जा के ये कह दो कोई शोलो से, चिंगारी से
फूल इस बार खिले है बड़ी तय्यारी से,
बादशाहों से भी फेंके हुए सिक्के ना लिए
हमने ख़ैरात भी माँगी है तो ख़ुद्दारी से.
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 रोज़ तारों को नुमाइश में ख़लल पड़ता है,
चाँद पागल है अँधेरे में निकल पड़ता है।

roz taaron ko numaish mein khalal padata hai, 
chaand paagal hai andhere mein nikal padata hai. 

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बीमार को मरज़ की दवा देनी चाहिए,
मैं पीना चाहता हूँ पिला देनी चाहिए।

beemaar ko maraz ki dava deni chaahiye, 
main peena chaahata hoon pila deni chaahiye.
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शहरों में तो बारुदों का मौसम है,
गांव चलो अमरूदों का मौसम है,
सूख चुके हैं सारे फूल फरिश्तों के,
बागों में नमरूदों का मौसम है.