मतलबी शायरी | Matlabi Shayari in hindi | Matlabi Duniya Status
बुरे वक्त मे जो आप की कमियां
गिनाने लग जाए उससे बड़ा
मतलबी इंसान कोई नही है !
_____________________________________
मैं बुरा हूँ मुझे पता है
मगर मैं मतलबी नहीं हूँ.
_____________________________________
कई बार वो लोग रिश्तों की कीमत समझते हैं
जिनका हमसे कोई लेना-देना नहीं है।
_____________________________________
नफरत हो गई है
अब मुझे इंसानो से
मतलबी जमाने से
और फरेबी लोगो से..!
_____________________________________
मतलबी शायरी 2 लाइन
पक्के रिश्ते तो बचपन में बनते थे,
अब बड़े हुए तो पता लगा सब मतलब से बात करते हैं।
_____________________________________
दिल-ए-मासुम ऐतबार कर लेता है थोडा प्यार पा कर,
तोड देती है दिल मेरा दुनिया मतलब निकाल कर।
_____________________________________
भगवान जब तूने रिश्ते बनाना सीखा दिया,
तो मतलब के लिए इन्हे तोडना भी सीखा दिया।
_____________________________________
हर गुनाह यहां माफ हो रहा है,
इस दुनिया का चेहरा बदल रहा है,
मतलबी हैं यहां का हर शख्स,
पैसों से यहां का काम चल रहा है ।
_____________________________________
Matlabi Status
जिस पर यकीन होता है जब वह धोखा देता है,
तो पूरी दुनिया मतलबी लगने लगती है।
_____________________________________
जब अपनो को अपनो के
दर्द से मतलब नही रहा
तब समझ आया इस दुनिया में
कोई किसी का नही रहा..!
_____________________________________
जिनकी दुआ किया करते थे रोज हजारों में,
वहीं बेचते थे रिश्ते हर रोज बाजारों में।
_____________________________________
Matlabi Dost Shayari
वक़्त की आग में पत्थर भी पिघल जाते हैं।
हसी लम्हे टूटकर अशकों में बह जाते हैं।
कोई साथ नहीं देगा इस जि़दगी में हमारा।
क्योंकि वक़्त के साथ इंसान बदल जाता हैं।
_____________________________________
मेरी दुनिया का हर शख्स मतलबी निकला,
घर एक आईना था बस वही वफादार निकला।
_____________________________________
मतलब से कितने ही रिश्ते बनाने की कोशिश करो,
वो रिश्ता कभी नहीं बनता ,
और प्यार से बने रिश्ते को तोड़ने की कितनी भी,
कोशिश करो वो रिश्ता कभी नहीं टुटता,
_____________________________________
Rishte Matlabi Shayari
यह दुनिया है साहब
यह दिल से नही
जरूरत से प्यार करती है..!
_____________________________________
इश्क दिखता है अब किताबो
मे जानम ना जाने क्यो
मतलबी इंसान हो गए !
_____________________________________
बेवफ़ा से दिल लगा लिया नादान थे हम।
गलती हमसे हुई कयोंकि इंसान थे हम।
आज जिनके नजरें मिलाने में तकलीफ होती हैं।
कुछ समय पहले उनकी जान थे हम।
_____________________________________
जैसी तुम हो वैसी ही दुनिया है,
मतलबी तुम हो मतलबी दुनिया है !
_____________________________________
मत करो मेरी पीठ के पीछे बात जाकर कोने में
वरना पुरी ज़िंदगी गुजर जायेगी रोने में।
0 Comments
Post a Comment