{25+} Islamic shayari In Hindi | इस्लामिक शायरी
इन्सान से की गई मोहब्बत हमें मोह तक ले जाती है
और अल्लाह से को गई मोहब्बत हम मोक्ष तक ले जाती है।
_________________________________
मोहब्ब्त के लिए तो सभी रोते है
एक दिन अपने रब के लिए रोकर देखना
उस दिन के बाद रब तुम्हे कभी रोने नही देगा ।
_________________________________
गलत फहमी सबकी दूर करेगा वो
एक दिन मुझे भी काबिल जरूर करेगा वो
_________________________________
माँ ना होगी तो वफा कौन करेगा,
यूँ ममता का हक अदा कौन करेगा,
या खुदा सलामत रखना सदा सबकी माँ को ,
वरना हमारी जिंदगी की दुआ कौन करेगा।
_________________________________
Islamic Shayari Love
न दौलत काम आएगी,
न ताक़त काम आएगी,
क़यामत के दिन सिर्फ मुहम्मद
की मोब्बत काम आएगी.
_________________________________
कभी-कभी आप सोच सकते हैं,
कि सब कुछ गलत हो रहा है,
फिर भी आपको यह एहसास नहीं है,
कि अल्लाह सब कुछ सीधा कर रहा है
_________________________________
एक दिन ऐसा भी आयेगा,
जब हमारी हर दुआ कबूल हो जायेगा !
_________________________________
"Agar Rab De To Koi Cheen Nahin Sakta
Agar Wo Cheen Le To Koi De Nahin Sakta"
_________________________________
Islamic shayari in english
"Duniya Kahe Kuch Hai Magar Emaan Ke Ye Baat
Hone Ki Tarah Ho To Ebadat Hai Mohabbat "
_________________________________
" Wo Chamak Na Chand Mai Hai Na Taaron Mai Hai
Jo Chamak Madine Ke Dilkash Nazzaron Mai Hai
Bejubaan Pathoro Ko Bhi Baksh Do Janab
Itni Taagat Mere Nabi Ke Isaro Mai Hai "
_________________________________
"मेरे अश्को से तू अपना दामन साफ कर
अकेले तड़पता हूँ ऐ खुदा इन्साफ कर
उनकी बेवफाई में कुछ राज छुपा है
मेरे खुदा तू उनके हर गुनाह माफ़ कर"
_________________________________
Beautiful Islamic Shayari
" Gazal Likh Du Ya Tarana Likh Du
Tere Naam Se Koi Fasana Likh Du
Tu Mil Jaaye Mujhe Taabij Ki Tarah
Mai Tere Ye Jamana Likh Du "
_________________________________
" Wo Bani Dilkash Gazal Mai Usse Gaata Raha
Saare Raat Uski Taarif Ussi Ko Sunata Raha"
_________________________________
कर ले दुआ आज किसी के लिए,
कल तू भी तरसेगा इसी के लिए
_________________________________
इतना घमंड अच्छा नहीं ज़िन्दगी के लिए,
किसी का दिल ना दुखवो दो पल की ख़ुशी के लिए,
वो रब बैठा है हिसाब करने के लिए
तुम ख़ुदा ना बनो किसी के लिए.!
_________________________________
Islamic Shayari 2 Line
"मुल्क लुट जाएगा ये आसार नज़र आते हैं,
अब हुकूमत में सब मक्कार नज़र आते हैं,
मुल्क की आज़ादी में लुटा दीं जानें हमने,
और बेहयाओं को हम ही ग़द्दार नज़र आते हैं
_________________________________
" Kuch Log Kahte Hai Pyar Sacha Nahi Hota Hai
Un Sab Ke Sawaal Ka Jawab Ho Tum '
_________________________________
कोई कितने ही न इंसाफी करले आखिर में इंसाफ तो उसी जाथ में करना है.!
_________________________________
“धागा ही समझ, तू अपनी “मन्नत” का मुझे
तेरी दुआओ के मुकम्मल होने का दस्तूर हूँ मैं”
_________________________________
Islamic shayari Urdu
हवा अगर मौसम का रुख बदल सकती है तो
दुआएं मुसीबत के पल बदल सकती है।
_________________________________
खली हाथ भेजा है मुझे,
खाली हाथ ही लेजा तू मुझे.!
_________________________________
जो बंदा किसी को माफ कर देता है,
अल्लाह उसके बदले उसकी इज्जत बढ़ा देते हैं।
_________________________________
न दौलत काम आएगी,
न ताक़त काम आएगी,
क़यामत के दिन सिर्फ मुहम्मद
की मोब्बत काम आएगी.
_________________________________
Islamic Shayari Ramzan
क्यूँ मन्नती’न मांगता है औरों के दरबार से इक़्बाल वो कौनसा काम है जो होता नहीं तेरे परवरदिगार से!
_________________________________
खूबसूरत रिश्ता है मेरे और खुदा के बीच,
ज्यादा हम मांगते नहीं कम वो देता नहीं।
_________________________________
“सजदे की खूबसूरती यह है कि*
*हम फर्श पर सिर रख कर जो कहते है*
*वो अर्श पर सुनी जाती है।
_________________________________
दुआ कौन सी थी बस याद नहीं दो, हथेलिया जूनि थी एक तेरी थी एक मेरी.!
_________________________________
अपनी परेशानियो से कभीं दुख़ी मत होना,
क्योकि सुना हैं परेशानिया खुदा उन्ही को देता हैं,
ज़िनसे वह मोहब्बत क़रता हैं।
_________________________________
Islamic Shayari On Life
आज आपके दिन की अच्छी शुरुवात हो,
सारे सपने आपके साकार हो,
जिनको रात -भर देखती रही सपनो में आपकी पलके,
रब करे आज उनसे ही मुलाक़ात हो।
_________________________________
ना गोरा रंग हुसैन की अलामत है,
और ना काला रंग बदसूरती की निशानी,
कफन सफेद होकर भी खौफ की अलामत है,
और काबा काले गुनाह में भी आंखों की ठंडक है।
_________________________________
धैर्य रखें कि आप क्या कर रहे हैं,
धैर्य इस बात का नहीं है,
कि आप कितने समय तक प्रतीक्षा कर सकते हैं,
बल्कि प्रतीक्षा करते समय आप कितना अच्छा व्यवहार करते हैं।
_________________________________
ईबाबत,
क्या ख़ूब ईबाबत बक्शी तूनें एक़ रोजे मे,
शुक्र भी, सब्र भी, फिक्र भी,
नेंमत भी और रहमत भीं।
0 Comments
Post a Comment